Wednesday, January 14, 2009

Nepali Jokes

एक दो सीटो वाला विमान आज कब्रिस्तान मे गिर गया। स्थानिय बबलसिहं ने अब तक ५०० शव प्राप्त किए हैं और बाकी की तलाश के लिए अभी भी खुदाई कर रहे है।

दो बबलसिहं गाना गा रहे थे, उनमे से एक सिधा खडा हुआ था और दुसरा शीर्षासन में खडे होकर गाना गाए जा रहा था। एक व्यक्ति ने जब देखा तो रुककर पुछा “क्यों भाई, इस तरह शीर्षासन में खडें होकर हि क्यों गा रहे हो।”
इस पर सिर के बल खडें बबलसिहं ने जबाब दिया “ अरे, समझता नहीं हैं?” ये साइड ए गा रहा है तो मैं साइड बि गा रहा हुँ।।

रुपक-अपने देश में मृत्यु की औसत दर क्या है?
बबलसिहं- शत-प्रतिशत।
रुपक- वह कैसे?
बबलसिहं- अपने देश में जो पैदा होता है अंत में वह मर जाता हैं।
रुपक- तो फिर दुनिया कि औसत मृत्यु दर क्या है?
बबलसिहं- छोड यार! मुझे केवल अपने देश कि ही पता है।

रुपक- हाम्रो देश को मृत्यु औसत दर कति हो?
मुनदरे- शत-प्रतिशत।
रुपक- कसरी?
मुनदरे- हाम्रो देशमा जति जन्म छन् ति सबै जाना मर्छन्।।
रुपक- त्यसो भए संसारको मृत्यु दर कति हो?
मुनदरे- भयो यार, अरुको किन मतलब राख्ने।।।

बबलसिहं- मेरी पत्नि रोज शिकायत करति है कि उसके पास घर में पहनने के लिए कपडें नहीं है।
रुपक- तो तुमने उसे कपडें लगवा दिए।
बबलसिहं- नहीं, मैंने घर कि खिडकियों पर कपडें लगवा दिए।

मुनदरे- मेरो पत्नी सधैं लगाउने कपडा छैन् भनेर गुनासो गर्छे।
रुपक- के तिमीले कपडा किनिदिएनौ त?
मुनदरे- छैन, बरु पर्दा किनि सबै झयालहरुमा लगाई दिए।।।


रुपक- मैं आज दस ई-मेल भेजने वाला हुँ।
बबलसिहं- ठिक हैं, मैं उन्हे पोस्ट बाक्स में डाल आऊंगा!!!

रुपक- आज म १० वटा ई-मेल पठाउछु।।
मुनदरे- ठिक छ, म त्यसलाई हुलाकमा पुराएर आइदिउला!!!!!


एक आलासी आदमी ने अपने दोस्त से खुशी से फुलते हुए कहा- देखा कुदरत मेरी किस-किस तरह से मदद कर रहि है। हाथ-पावँ जरा भी नहीं हिलाने पडें और काम होते चले गए। मुझे पेड काटने थे इतने में तुफान ने आकर मेरी मदद कर दी। फिर मैं कुडे का ढेर जलाने की सोच ही रहा था कि अचानक आकाश से बिजली गिरी और कुडे में आग लग गई।
दोस्त ने पूछा- तो अब क्या प्रोग्राम है?
आलसि बोला- मुझे जमीन से आलु और गाजरे निकालनी हैं, इसलिए अब भूकंप का इंतजार कर रहा हुं।।।

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